mahakumbh 2025 में अब तक 35 करोड़ से अधिक श्रद्धालु तीर्थराज प्रयाग के दरबार में पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। बसंत पंचमी के बाद श्रद्धालुओं का दबाव थोड़ा कम होने के चलते संगम क्षेत्र में उतनी मारामारी नहीं बची है जैसी कि कुछ दिन पूर्व तक हुआ करती थी। भीड़ का दबाव थोड़ा कम होने से अब पहुंच रहे श्रद्धालु बड़े सुकून की सांस ले रहे हैं। फिलहाल, त्रिवेणी के दोनो तटों पर इस समय भजन, गीतों व मंत्रों की गूंज है।
मां गंगा का पूजन कर महर्षि महेश योगी को किया गया याद
त्रिवेणी के अरैल तट स्थित सोमेश्वर घाट पर बुधवार को वैदिक रीति रिवाज के साथ मां गंगा का पूजन कर महर्षि महेश योगी को उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। महर्षि संस्थान के प्रमुख ब्रह्मचारी गिरीश जी ने 1008 दीपों का दान किया। ब्रह्मचारी गिरीश जी ने इस दौरान बताया कि वर्ष 2008 में 5 फरवरी को ही महर्षि महेश योगी ब्रह्म तत्व में विलीन हुए थे।
बलिया के सविता तिवारी व अन्य ने लोकगीतों से जमाया रंग
ग्रामीण अंचल में हर अवसर के लिए कुछ ना कुछ गीत जरूर होते हैं यह बात बुधवार शाम को अरैल के संगम तट पर सच साबित हुई। यहां गंगा में दीपदान कर लौट रही कल्पवासी महिलाए गुनगुनाती भी जा रही थी।
सवारियां ले चल पर्वत पर
जहां बसे मेरी यमुना मैया अलबेली सरकार
सवारियां ले चल पर्वत पर ।
इन से बात करने पर पता चला कि यह लोग कल्पवास कर रही है. 12 तारीख से ही मेला क्षेत्र में है। रसड़ा बलिया निवासी सोना दुबे, बलिया की ही सविता तिवारी व मनोरमा तिवारी पहली बार कल्पवास करने आई हैं। तीनों का यह कहना था कि उन्हें यहां अलौकिक आनंद प्राप्त हो रहा है। थोड़ी सी बातचीत के बाद वह फिर एक भजन नुमा लोकगीत में रम गई…
सतयुग की सजली नैया
कलयुग में डूबत नैया
के हो है नैया के खेवईया
डूबत बा नैया
महिलाओं के इस लोकगीत के दौरान घाट पर तमाम महिलाएं मां गंगा का पूजन कर दीपदान करती नजर आई। पूरा नजारा बड़ा ही अलौकिक था। घाट पर पूरी शांति थी।
किरण व मंजू पहली बार कल्पवास का ले रही आनंद
वाराणसी की मंजू सिंह प्रयागराज के रहने वाली किरण सिंह के साथ अरेल स्थित संगम घाट पर पहुंची थी। यह दोनों पहली बार कल्पवास कर रहे हैं। जब इनसे पूछा गया कि ऐसा क्या भाव आया जो कल्पवास जैसे कठिन तपस्या में उतर गए, तो किरण सिंह का कहना था मां गंगा ने बुलाया उनकी कृपा है कि यह तप हो जा रहा है।
किरण सिंह का कहना था कि जब वह आई थी तो उनके घुटने में बड़ा दर्द था। चला नहीं जा रहा था। मां गंगा ने सब कुछ सही कर दिया। अब आराम से वह चल फिर रही है। इनके साथ रही अंजू सिंह ने कहा कि दोनों ननंद भोजाई की जोड़ी है और दोनों में बहुत पटती है। इसलिए दोनों एक साथ कल्पवास करने आ गई है।
किरण सिंह का कहना था कि जब वह आई थी तो उनके घुटने में बड़ा दर्द था। चला नहीं जा रहा था। मां गंगा ने सब कुछ सही कर दिया। अब आराम से वह चल फिर रही है। इनके साथ रही अंजू सिंह ने कहा कि दोनों ननंद भोजाई की जोड़ी है और दोनों में बहुत पटती है। इसलिए दोनों एक साथ कल्पवास करने आ गई है।
शास्त्री पुल से दिखा कुंभ नगर का अद्भुत दृश्य
महाकुंभ नगर में इस समय अच्छी शांति है। महाकुंभ नगर की ओर आने वाली सड़कों पर भी अब जाम की स्थिति नही है। इसके चलते आने वाले श्रद्धालु अब आसानी से महाकुंभ नगर के चकाचौंध का आनंद ले पा रहे हैं। महाकुंभ नगर की चकाचौंध वाराणसी मार्ग पर स्थित शास्त्री पुल से ही नजर आने लगती है। चारों तरफ फैली दूधिया रोशनी बड़ा अलौकिक दृश्य दिखा रही है। ऐसा लगता है जैसे आसमान से तारे जमीन पर उतर आए हों। जो भी इस मार्ग से गुजर रहा हो, वह बरबस ही इस अलौकिक दृश्य का आनंद लेने के लिए रुक जा रहा है। कल कल बह रही मां गंगा और उनके ऊपर बने पांटून पुल के साथ ही दोनों तटों पर फैली दूधिया रोशनी बड़ा अदभुत लगता है।