mahakumbh 2025 : रूस यूक्रेन से नहीं अमेरिका से लड़ रहा युद्ध

रूस से प्रयाग mahakumbh 2025 में पहुंचा छह सदस्यीय दल
रूस से महर्षि महेश योगी द्वारा संचालित भावातीत ध्यान केन्द्र से जुड़े छह सदस्यीय दल प्रयाग mahakumbh 2025 पहुंचा है. दो दिन पूर्व प्रयाग आया यह दल महाकुंभ की आभा देख कर गदगद है। इस दल में शामिल डॉ इगोर का कहना था कि रूस यूक्रेन से नहीं, अमेरिका से युद्ध लड़ रहा है.  कालिंग्रा टाउन बाल्टिक सागर के रहन वाले डॉ इगोर पेशे से न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर हैंं. उनके अनुसार रूस का हर व्यक्ति एक सैनिक है। रूस के लोग किसी भी स्थिति से डरते नहीं है। अमेरिका को इस युद्ध में अच्छा सबक सिखा कर ही मानेंगे।

 

रूस की सबसे बुजुर्ग भावातीत ध्यान शिक्षिका संगम पहुंची

रूस से आए दल में 5 वर्षीय इलिया भी शामिल हैं। इलिया रूस की सबसे बुजुर्ग भावातीत ध्यान शिक्षिका है। दल में शामिल भावातीत ध्यान शिक्षक  अलेक्जेंडर ने बताया कि इलिया 40 वर्षों से रूस में भावातीत ध्यान सिखा रही हैं। डॉ इगोर का कहना था कि मेडिटेशन सबसे बढ़िया न्यूरा टेक्नोलॉजी है। मानसिक तनाव, व ढेर सारे मनोरोगों आदि के लिए यह सबसे बढ़िया इलाज है।
अलेक्जेंडर और उनकी टीम ने भी लिया संगम का आनंद
अलेक्जेंडर ने बताया कि रूस में रशिया भाषा में क्षिप्रा चक्रवर्ती ने चार दशक पूर्व मेडिटेशन सिखाना शुरू किया था। वह रूस की मदर आफ मेडिटेशन कहलाती हैं। क्षिप्रा चक्रवर्ती ने ही इलिया को मेडिटेशन सिखाया था। आज रूसी भाषा में भावातीत ध्यान सिखाने वाली इलिया सबसे पुरानी शिक्षिका है। इलिया पिछले 40 वर्षों से भावातीत ध्यान सिखा रही है। इलिया से दीक्षित अलेक्जेंडर का कहना था कि रूस में भावातीत ध्यान काफी प्रचलित है। यह उनका पूर्णकालिक पेशा है और इससे उनका कार्य आसानी से चल जाता है। यानी भावातीत ध्यान का शिक्षक होना रूस में एक करियर ऑप्शन है।

ब्रह्मचारी गिरीश जी से मिलने प्रयाग आया है ग्रुप

TM शिक्षिका इलिया के साथ 6 सदस्य रस ए श्रद्धालुओं का जत्था प्रयाग आया हुआ है यह सभी महर्षि संस्थान के गेस्ट हाउस में रुके हैं। अलेक्जेंडर ने बताया कि वह सभी ब्रह्मचारी गिरीश जी से मिलने पर आज आए हैं उनका आशीर्वाद लेकर 2 दिन बाद वह सभी वापस रूस के लिए रवाना हो जाएंगे

संगम में स्नान करने से बड़ा आनंद आया

रूसी श्रद्धालुओं के इस दल ने बुधवार को संगम में स्नान किया और शाम को दीपदान कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस समूह में दुभाषिये की भूमिका संभाल रहे भावातीत ध्यान के शिक्षक अलेक्जेंडर ने बताया कि उन सभी ने संगम में स्नान किया है। संगम में स्नान करके उन्हें अद्भुत आनंद की प्राप्ति हुई है। महा कुंभ मेले में शामिल होकर यह सभी बहुत ही प्रसन्न है।
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