mahakumbh 2025 : नहीं घटी श्रद्धा, Mauni amavasya पर संगम की ओर निरंतर बढ़ते रहे कदम

दुर्घटना के चलते दोपहर बाद खाली दिखीं सड़कें, संगम पर अखाड़ों ने किया अमृत स्नान

अभी चंद घंटे पहले तक जिन मार्गों पर तिल रखने की जगह नहीं थी, मानव समुद्र लहरा रहा था, वह मार्ग अचानक काफी हद तक खाली नजर आए। महाकुंभ मेला क्षेत्र में संगम की ओर जाने वाली सड़कें मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) जैसे महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण पर्व पर खाली दिखेंगी, इसकी कभी किसी ने भी आशा नहीं की होगी। मंगलवार रात भगदड़ में हुई तीस मौतो के बाद मेला क्षेत्र में उमड़ी भीड़ ने बड़ी तेजी से क्षेत्र को खाली किया। दूसरी ओर संगम जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में खासी कमी तो आई पर संगम की ओर लगातार बढते कदमों की निरंतरता खत्म नहीं हुई।
इन स्थितियों के बीच कई ऐसे भी लोग थे जो सिर्फ यह बताने के लिए संगम आए कि एक दुर्घटना सनातन के सबसे बड़े पर्व की गरिमा व महिमा को खत्म नहीं कर सकती। बुधवार दोपहर बाद पहुंचे सभी श्रद्धालुओं का कहना था कि अनुशासन में आएं और पुण्य की डुबकी लगाकर आध्यात्मिक लाभ कमाएं। दूसरी ओर संगम पर अखाड़ों ने सादगी के साथ अमृत स्नान किया।

प्रयागराज से दूर रोके गए श्रद्धालु, मौनी अमावस्या के स्नान से रहे वंचित

मौनी अमावस्या (Mauni amavasya) पर स्नान के लिए मंगलवार को उमड़ी भारी भीड़ को वापस जाने का मौका देने के लिए प्रदेश सरकार व रेलवे ने प्रयाग की ओर आ रही तमाम बसों व ट्रेनों को नगर से काफी पहले ही रोक दिया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों को बताया कि भदोही, प्रतापगढ़, कौशाम्बी आदि प्रयागराज से सटे जिलों में ट्रेन व बसों को रोक दिया गया। मौनी अमावस्या का पर्व बीत जाने के बाद इन्हें प्रयागराज लाया जाएगा। भीड़ का दबाव कम करने के लिए उठाए गए इस कदम के चलते बड़ी संख्या में लोग मौनी अमावस्या पर पुण्य की डुबकी लगाने से वंचित रह गए।

नहीं घटी श्रद्धा, माहौल को सामान्य करने में जुटे लोग

मौनी अमावस्या पर हुई दुर्घटना के बाद बहुत से लोग स्वतः ही आगे आकर माहौल को सामान्य बनाने में जुट गए। मध्य प्रदेश के भिंड जिले के गांव सुरूरू से आए रामनाथ व उनके साथी मां गंगा को मनाने के लिए स्तुति गान कर रहे थे।
विंध्याचल से नीरज मिश्रा व उनके साथियों ने भी संगम पर डुबकी लगाई। इनका कहना था कि संगम पर हुई दुर्घटना की जानकारी मिलने के बाद उन्होने संगम स्नान करने का निश्चय किया। इनका कहना था कि दुर्घटना के बाद भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा घटी नहीं।

Mahakumbh 2025 : पौने पांच करोड़ ने मारी गंगा व संगम में डुबकी

लंदन से आई नीतू ने भी लगाई पुण्य की डुबकी

शाम को संगम में स्नान करने वालों में लंदन से आई नीतू व उनका परिवार भी शामिल रहा। नीतू लंदन से आई जबकि उसके माता पिता केरल से आए. संगम में स्नान कर प्रसन्न हुई नीतू व उनके परिवार ने सभी से 144 वर्ष बाद आए अवसर का पूरा लाभ उठाने का आह्वान किया। डिस्कवरी स्पोर्टस चैनल में काम करने वाली नीतू, उनके सीए पिता व मां ने कोंकणी में बोलकर सभी से महाकुंभ में आने को कहा। नीतू का कहना था कि उन्होने आज के दिन ही स्नान करने का निश्चय किया था। आज ही मेला क्षेत्र पहुंची नीतू स्नान के बाद काफी प्रफुल्लित दिखीं। 

आठ करोड़ से अधिक ने लगाई संगम में डुबकी

महाकुंभ 2025 के सबसे बड़े स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना के विभिन्न घाटों व संगम में डुबकी लगाई। इस तरह मौनी अमावस्या ने एक नया इतिहास रच दिया।  

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