बिजनेस सरकारी नौकरियों से बेहतर क्यों है? – why business is better than govt jobs? बिजनेस सरकारी नौकरी से बेहतर है। सरकारी नौकरी एक मामले में सबसे अच्छी होती है, वह है आय का स्थायित्व। इसमें यह पता होता है कि हर माह हमें एक निश्चित रकम मिल जाएगी। तो जिसे आय की सुरक्षा चाहिए, उसके लिए सरकारी नौकरी एक बेहतर विकल्प है। जिन्हें उन्नति का आसमान छूना है, स्वतंत्र होकर काम करना है, अपना मालिक खुद बनना है, अपने लक्ष्य खुद निर्धारित करने हैं, ऐसे सभी लोगों के लिए व्यवसाय बेहतर विकल्प है।
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Govt job or Business – व्यवसाय या सरकारी नौकरी
अपने करियर की शुरुआत में यह सवाल हर युवा के मन में होता है कि बिजनेस बेहतर है या सरकारी नौकरी। अनुभव की कमी, कई बार मार्गदर्शक व संसाधनों की कमी युवा को भटकाव के रास्ते पर ला देते हैं। ऐसे में यह तय करना कठिन हो जाता है कि सरकारी नौकरी की तरफ जाएं, निजी क्षेत्र मेॆ नौकरी करें या बिजनेस-व्यवसाय करें। व्यवसाय बेहतर है या सरकारी नौकरी (business is better or govt job)। युवा मन में घुमड़ने वाले ऐसे सवाल सही जवाब ढूंढ़ने में अक्सर जिंदगी के कई वर्ष खराब कर देते हैं।
यह तय करने के पहले कि व्यवसाय बेहतर है या सरकारी नौकरी या बिजनेस सरकारी नौकरियों से बेहतर क्यों है? why is business better than govt job? – आपको यह समझना होगा कि आपकी जिंदगी की आवश्यकताएं व लक्ष्य क्या हैं। आपके पास क्षमता व संसाधन क्या है।
सरकारी नौकरी के फायदे – Advantages of Govt Jobs
बिजनेस सरकारी नौकरियों से बेहतर क्यों है? – why business is better than govt jobs? को समझने के लिए पहले सरकारी नौकरी के फायदे जान लेते हैं। सरकारी नौकरी में स्थायित्व, पद व प्रतिष्ठा जैसे कुछ ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से बड़ी संख्या में युवा सरकारी नौकरी का दीवाना रहता है और जिदंगी के बहुत बहुमूल्य वर्ष इस सरकारी नौकरी को पाने के प्रयास में निकाल देता है। आइए जानते हैं कि सरकारी नौकरी के क्या फायदे हैं –
1. आय का स्थायित्व – Income Stability
किसी भी दर्जे की सरकारी नौकरी के साथ आय का स्थायित्व एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में जुड़ जाता है। सरकारी नौकरी मिलते ही यह स्पष्ट हो जाता है कि एक निश्चित धनराशि हर माह आपको मिल जाएगी। साथ ही निश्चित समय पर इन्क्रीमेंट व प्रमोशन भी होते रहेंगे।
2. सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा – Social reputation & Power
दूसरे सरकारी नौकरी के साथ एक सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा भी जुड़ जाता है। किसी भी दर्जे के सरकारी नौकर को सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा बहुत लुभाता है। जैसे जैसे पद बढ़ता है, सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा भी बढ़ता जाता है। व्यवसायी को सामाजिक प्रतिष्ठा बनाने में समय लगता है, सरकारी नौकर की नौकरी मिलते ही पद के अनुरूप प्रतिष्ठा व रुतबा तुरंत से उपलब्ध हो जाता है।
इसलिए अगर आपके पास एक प्रतिशत से भी कम सफलता अनुपात वाली परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने की क्षमता हो और पद प्रतिष्ठा में रुचि हो तो आपको सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करना चाहिए।
व्यवसाय के फायदे – Advantages of business
बिजनेस सरकारी नौकरियों से बेहतर क्यों है? – why business is better than govt jobs? को समझने के क्रम में अब व्यवसाय के फायदे समझना जरूरी है। सरकारी नौकरी के मुकाबले व्यवसाय में तमाम आकर्षण हैं। जैसे असीमित आय, सेवानिवृत्ति से छुटकारा आदि। आइए एक एक को विस्तार से समझते हैं।
1. असीमित आय – Unlimited Income
सरकारी नौकरी में सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा तो मिलेगा पर इसमें आय सीमित रहती है।सरकारी नौकरी में आय बढ़ने की रफ्तार तय रहती है। कोई कुछ भी करे, आम तौर पर उसकी आय अपने समय़ पर ही बढती है। अतिरिक्त प्रयास से अतिरिक्त धन प्राप्त करना, क्षमताओं का विस्तार कर तेजी से पदोन्नति प्राप्त करना आदि मुश्किल होता है। बिजनेस इससे एक दम अलग है। Business या व्यवसाय में व्यक्ति अपनी क्षमताओं का बेहतर इस्तेमाल कर असीमित आय सृजित कर सकता है। गौतम अडानी एक बेहतर उदाहरण हैं जो निम्न आय वर्ग से निकल कर कुछ दशकों के परिश्रम से आज दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों में शामिल हैं।
2. कोई सेवानिवृत्ति नहीं – No Retirement in Business
सरकारी नौकरी में जब तक पेंशन मिला करती थी, तब तक सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन व स्वास्थ्य सेवा भी सरकारी नौकरी के लिए एक बेहतर आकर्षण का केन्द्र रहती थी। लोगों को बिना कार्य किए एक निश्चित धनराशि पेंशन के नाम पर मिलने का सुकून रहता था। पेंशन बंद होने व सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में समाज के एक बड़े वर्ग को शामिल कर लिए जाने के बाद अब यह आकर्षण खत्म हो गया है। दूसरी ओर बिजनेस में सेवानिवृत्ति होती ही नहीं है। जम तक आप चाहें व्यवसाय में सक्रिय रह सकते हैं। सरकारी नौकरी में सेवानिवृत्ति के बाद आय घट जाती है। बिजनेस में आप सक्रिय रह कर लगातार अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
3. सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा – Social reputation & Power
व्यवसाय की प्रगति के साथ साथ सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा भी हासिल होने लगती है। सरकारी नौकरी में यह नौकरी मिलने के साथ ही उपलब्ध हो जाती है पर व्यवसाय में ऐसा नहीं है। इसमें व्यक्ति को सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा स्वयं हासिल करना पड़ता है। व्यवसाय में आपकी सफलता, आपका समाज के प्रति योगदान आदि इसमें महत्वपूर्ण योगदान निभाता है।
4. कोई बॉस नहीं, कोई समय की सीमा नहीं – No Boss, No 9 to 5
बिजनेस में आप अपने बॉस खुद रहते हैं। इसलिए आपको किसी को रिपोर्ट नहीं करना रहता। साथ ही कोई समय सीमा से भी आप आम तौर पर बंधे नहीं रहते। बिजनेस मैन अपना बॉस खुद रहता है और कार्यावधि भी वह खुद तय करता है। इसमें 9 से पांच जैसा कोई नियम नहीं होता। एक flexible working hour हो सकता है।
5. अपने पाल्य को दीजिए बेहतर जिंदगी – Gift your wards a better life
एक सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों को अपना पद अपना रुतबा सौंप नहीं सकता। उसके बच्चों को फिर शून्य से ही शुरू करना पड़ता है। वह अपने पिता की जगह उनकी कुर्सी पर जाकर नहीं बैठ सकता। एक व्यवसायी इससे अलग होता है। वह अपने बच्चों को एक बेहतर जिंदगी दे सकता है। उसके बच्चे वहां से शुरू करते हैं जहां उनके पिता का सफर खत्म होता है। उन्हें फिर से शुरुआत नहीं करनी पड़ती।
नौकरी से व्यवसाय बेहतर कैसे – how business is better than job
इसका जवाब देने से पहले एक प्रचलित कहानी बताता हूं। बहुत लोगों ने पढ़ी होगी, कुछ ने नहीं पढ़ी होगी पर हर एक को यह अच्छी लगेगी।
एक युवक एक कंपनी में ट्रेनी मैनेजर के पद पर ज्वाइन किया। वह बड़ा खुश था। कंपनी प्रतिष्ठित थी और एक लंबी चयन प्रक्रिया के बाद कुछ गिने चुने लोगों में उसका भी चयन हुआ था। दोपहर में जब वह लंच पर निकलता था तो उसके ऑफिस के सामने एक ठेले पर एक व्यक्ति समोसा व चाय की दुकान लगाता था।समय बीतता गया। युवक मेहनती था तो तेजी से उसका प्रमोशन होता गया। वह जब समोसा खाने या चाय पीने ठेले वाले के पास जाता था तो उसे यह जरूर कहता था कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे जिससे कि वह भी उसकी तरह बड़े पद पर पहुंच सकें और उन्हें फुटपाथ पर समोसा न बेचना पड़े।समोसा वाला भी मुस्कुराकर हां कह देता था। युवक धीमे धीमे उच्च पद पर पहुंच कर व्यस्त होता गया। वह कंपनी का हेड बन गया और एक दिन रिटायर हो गया। आफिस से विदा होने से पहले उसे समोसे वाले की याद आई। वह अपनी आफिस से निकला कि यह परिसर छोड़ने से पहले एक बार फिर चाय समोसा खाकर पुराने दिनों की याद ताजा कर ले। बाहर निकला तो उसे ठेला नहीं दिखाई दिया।थोड़ी दूर पर एक बहुत बेहतरीन रेस्टोरेंट दिखाई दिया। वह वहीं चला गया। वहां उसे वही समोसा वाला दिख गया। उसके साथ ही दो युवक भी काम कर रहे थे। दुकानदार ने युवक जो कि अब वृद्ध हो चुका था। उसे पहचान लिया। थोड़ी देर बात करने के बाद युवक ने अपने रिटायरमेंट की बात बताई। फिर बच्चों की बात हुई। युवक ने बताया कि उसका बेटा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जल्द कहीं चयन हो जाए तो उसका तनाव खत्म हो।अब बारी दुकानदार की थी। उसने बताया कि सर आप मुझे बच्चों को पढ़ाने के लिए कहते थे। मैंने उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाई। साथ ही रोजगार भी सिखाया। ठेला छोड़कर मैने गुमटी लगाई। इसके बाद पैसे की व्यवस्था हुई तो यह दुकान खोली। दुकान धीरे धीरे चल निकली। आज ठीकठाक कमाई हो जा रही है। बच्चों ने भी व्यवसाय को समझ लिया है और अब इसे बेहतर तरीके से संभाल लिया है।यानि युवक उच्च पद से सेवानिवृत्त के बाद भी खाली हाथ था और दुकानदार अपने बच्चों को एक अच्छी आय, एक स्थायी व बेहतर करियर दे रहा था।यह कहानी नौकरी व व्यवसाय के अंतर को बताने के लिए पर्याप्त है। नौकरी में निश्चिंतता है।व्यवसाय में शुरुआत में काफी संघर्ष है पर अंत में सफलता का संतोष भी है।इसलिए यह आसानी से कहा जा सकता है कि सरकारी नौकरी से व्यवसाय बेहतर है। इसलिए business is better than jobs, government jobs.
क्या भारत में व्यवसाय करना आसान है
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व्यापार करने में आसानी यानी ease of doing business की रैंकिंग में भारत ने लंबी छलांग लगाई है। विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग 2020 में भारत 79 स्थान की छलांग लगाकर वर्ष 2014 के 142वें स्थान से 2019 में 63वें स्थान पर पहुंच गया। अभी नई रैकिंग आना बाकी है। इसमें भारत की स्थिति दुनिया में और बेहतर होने जा रही है।
भारत सरकार ने देश में उद्यमिता व व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए लगातार अनेक उपाय किए हैं। इसके चलते देश में व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं। इसमें मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र से लेकर सेवा क्षेत्र तक शामिल है।
इतना ही नहीं, भारत में विदेशी निवेश भी इन वर्षों में तेजी से बढ़ा है। यहां बड़े बड़े विदेशी ब्रांड अपना व्यवसाय स्थापित कर रहे हैं।
यह सारे कारक यह बताने के लिए पर्याप्त हैं कि भारत व्यवसाय के लिए एक बेहतरीन स्थान है।
व्यवसाय क्यों ज्यादा महत्वपूर्ण है – why is business more important
व्यवसाय क्यों ज्यादा महत्वपूर्ण है यह समझना कोई बहुत मुश्किल कार्य नहीं है।
- -व्यवसाय की प्रगति से देश की प्रगति निर्धारित होती है। जैसे जैसे व्यवसाय, उद्यमिता बढ़ती है, वैसे वैसे देश का सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी बढ़ता है।
- – व्यवसाय की वृद्धि नौकरी व रोजगार के अवसरों में वृद्धि करता है। ज्यादा व्यवसाय मतलब ज्यादा नौकरी व ज्यादा रोजगार।
- -नौकरी व रोजगार देश के सामान्य जन की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हैं। इससे उनकी खरीद क्षमता बढ़ती है। यह खरीद क्षमता बाजार में डिमांड बढ़ाती है। इससे वापस व्यवसाय में प्रगति होती है। यानी व्यवसाय की वृद्धि से देश की अर्थव्यवस्था का चौतरफा विकास होता है।