mahakumbh 2025 : आपको आते हैं क्या गीता के श्लोक, विदेशी भक्त पूछ रहे
mahakumbh 2025 में विदेशी महामंडलेश्वरों ने जमाया रंग
महाकुंभ 2025 मेला के पहले अमृत स्नान के अवसर पर महा संक्रांति पर तमाम वैभव के साथ तीर्थराज प्रयागराज के दरबार में हाजरी लगाने पहुंचे संतो महंतों महामंडलेश्वरों के बीच विदेशी महामंडलेश्वर और भक्त अलग ही छठा बिखेर रहे थे। निरंजन और जूना अखाड़े समेत विभिन्न अखाड़ों में इस समय कई महामंडलेश्वर विदेशी हैं। इनके साथ बहुत बड़ी संख्या में विदेशी भक्त भी मेला क्षेत्र में पहुंचे हुए हैं। मेले में इस समय विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा है। खास बात यह है कि यह श्रद्धालु भारतीय संस्कृति से न सिर्फ भली-भांति परिचित हैं वरन किसी भारतीय से ज्यादा गीता व अन्य धार्मिक ग्रंथो के श्लोक व पद्धतियां इन्हें याद है। कई विदेशी भक्तों में बहुत से अच्छे से हिंदी भी बोल लेते हैं। यह विदेशी संत भारत के सनातनियों से पूछ रहे आपको गीता के श्लोक आते हैं क्या?
महाकुंभ 2025 भारतीयों को दे रहे अपनी संस्कृति की रक्षा करने का उपदेश
परमार्थ निकेतन हरिद्वार के स्वामी चिदानंद सरस्वती की शिक्षा साध्वी भगवती सरस्वती तो पूरी तरह भारतीयता में रची बची हुई है। इनके साथ ही पायलट बाबा की शिष्या जापान की किको आइकावा, सतुआ बाबा की शिष्या मां लक्ष्मी आदि भी दशकों से भारतीय रंग में रंगे हुए हैं। इनमें से किको आइकावा व मां लक्ष्मी समेत करीब दो दर्जन विदेशी संत विभिन्न अखाड़ों के महामंडलेश्वर भी बन चुके हैं। अमृत (शाही) स्नान के दौरान यह संत अलग ही जलवा बिखेर रहे थे। यह विदेशी संत व भक्त भारतीय सनातनियों को अपने धर्म व संस्कृति की रक्षा करने का उपदेश दे रहे।
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महाकुंभ 2025 में विश्व के 50 देशों से आए संत व भक्त
महाकुंभ 2025 मेले में शामिल होने के लिए दुनिया भर से लोगों का तांता लगा हुआ है. कुंभ में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इटली, जापान समेत विश्व के 50 से अधिक देशों के श्रद्धालु पहुंचे हैं। अकेले महर्षि महेश योगी संस्थान में 14 देशों के श्रद्धालु व संत पहुंचे हुए हैं। मौनी अमावस्या तक इनकी संख्या खासी बढ़ने जा रही है. मेले में निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद के शिविर में एप्पल के सहसंस्थापक स्टीव जाव्स की पत्नी लारेन पावेल जाव्स अपने नए भारतीय नाम कमला के साथ कल्पवास कर रही हैं। कई अन्य देशों के भी भक्त यहां हैं. इसी तरह परमार्थ निकेतन समेत कई अन्य संतों के शिविरों में बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु पहुंंचे हैं।