mahakumbh 2025 : बांग्लादेश को मदद देना बंद करे भारत सरकार
बांग्लादेश के हिन्दुओं के प्रति महाकुंभ के दौरान सन्नाटे के बीच किन्नर अखाड़ा प्रमुख ने उठाई आवाज
पिछले कुछ महीनों में बांग्लादेश में सनातन धर्मावलंबी हिन्दुओं के साथ बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, उसने भारत में एक बड़े वर्ग को उद्वेलित किया था। पूरे मसले पर भारत सरकार ने कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि Mahakumbh 2025 में बांग्लादेशी सनातनियों की रक्षा प्रयागराज की धरती पर पधारने वाले संतों-महंतों के बीच एक बड़ा मुद्दा बनेगा। संत समाज बांग्लादेशी सनातनियों की आवाज को मुखर करेगा और सरकार पर हिन्दुओं की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने को बाध्य करेगा पर आधा मेला बीतने के बावजूद ऐसा कुछ होता नजर नहीं आया। इन सबके बीच किन्नर अखाड़ा आगे है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने मोदी सरकार से बांग्लादेश को दी जाने वाली सारी सहायता रोकने की मांग की है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि ने भी बांग्लादेश की घटनाओं पर दुख जताया।
Mahakumbh 2025 में संतों महंतों ने बांग्लादेश के हिन्दुओं को भुलाया
बांग्लादेश में हिन्दुओ को जिस तरह चुन चुन कर मारा गया, मंदिरों को तोड़ा गया, सोशल मीडिया के माध्यम से यह सारे चित्र भारत पहुंच रहे थे। इसे लेकर पूरा देश सकते में था। बांग्लादेश के हालात अभी तक ठीक नहीं हुए हैंं। यह अलग बात है कि महाकुंभ मेले के दौरान संतों-महंतों से बांग्लादेश के लिए जिस सक्रिय समर्थन की आस लगाई जा रही थी, वह पूरी होते नजर नहीं आ रही है। अतुल्य समाचार व पीन्यूज से बात करते हुए किन्नर अखाड़ा प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने इस पर चिंता जताई।
मोदी सरकार व सेना से बांग्लादेश के हिन्दुओं को बचाने की अपील
उन्होने (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) कहा कि मैं अपील करूंगी मोदी सर से कि बांग्लादेश की मदद करने की हमें क्या जरूरत है । वह सनातनी आस्था पर प्रहार करते हैं। हमारे मंदिरों पर प्रहार करते हैं। उनकी तो हमें मदद नहीं करनी चाहिए। मैं अनुरोध करूंगी हमारी सरकार व सेना वहां के सनातनियों को बचाए। तब तक बांग्लादेश को किसी प्रकार की सहायता ना दिया जब तक कि वह हमारे सनातनियों के साथ अच्छा व्यवहार करना ना शुरू करें।
सनातन न खतरे में था, न है – Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi
डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने सनातन पर किसी तरह का खतरा में होने से इंकार किया। उन्होने कहा कि सनातन ने कभी पहले खतरे में था, न है। अक्रांताओं ने हम पर प्रहार किया था। आक्रांताओं की वजह से हमें तकलीफ हुई। डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने कहा कि कितना भी प्रहार करो सनातन पर सनातन हमेशा उठकर खड़ा हो जाएगा। जय श्री राम, जय श्री महाकाल के नारे लगाकर सनातन हमेशा चिल्ला कर आएगा। हमारी आवाज बंद नहीं हो सकती। विधर्मी कितना भी तांडव करें, उसे उसी अंदाज में बेजोड़ जवाब देना हम जानते हैं। कंकर उठाएंगे, उसे शिव बना देंगे। हमारे पास शास्त्र है तो शस्त्र भी है। हमारे कोई भी भगवान बिना शस्त्र के हैं ही नहीं। हमें भी यही आदर्श अपनाना है।
किन्नरों के साथ संत महंत अब भी कर रहे भेदभाव
वर्ष 2013 में किन्नर अखाड़े को जूना अखाड़ा के अंग के रूप में मान्यता दी गई थी। इसके बाद से बहुत से किन्नर सनातन धर्म में वापस आए थे। डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) का कहना था कि दस वर्ष से अधिक होने के बावजूद किन्नरों के साथ भेदभाव अब तक हो रहा है। अभी भी अखाड़े किन्नर अखाड़े (kinnar akhada) को नहीं बुलाते। हमें बराबरी का दर्जा नहीं देते।
अंग्रेजों ने किन्नरों को समाज से बाहर किया था
किन्नरों को ब्रिटिश राज में समाज से बाहर किया गया था। इसके चलते बहुत से किन्नरों ने सनातन धर्म छोड़ कर इस्लाम अपना लिया था। इसके बाद हमारा धर्म से पतन हो गया था। डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने दुख जताते हुए कहा कि उस दौरान किसी ने पता नहीं किया कि हमारे सनातन के बच्चे कहां गए। अखाड़े (kinnar akhada) की स्थापना के बाद किन्नर सनातन में वापस आ रहे। किन्नर आज सनातन की बात कर रहा है।
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धर्मान्तरण के खिलाफ सख्त कानून बने
डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की। उनका कहना था कि आज भी धर्मांतरण हो रहाहै। ना कोई उस पर बोलता ना कोई कुछ कर रहा है हम तो बोल भी रहे हैं कि धर्मांतरण रुकना चाहिए उस पर कानून भी बनना चाहिए। किन्नर जब सनातन में वापस आए तो हमारा सीना चौड़ा गया।
सिर्फ सनातन की बात करें
डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने हमें सनातन के अलावा और कुछ नहीं समझ में आता।हमें जातपात से उठकर सनातन की बात करनी चाहिए। हमें ऊंच नीच से उठकर सनातन की बात करनी चाहिए। हमे रंग भेद से उठकर सनातन की बात करनी चाहिए। डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने महाकुंभ मेले में पैसों के बाेलबाला पर आलोचना करते हुए कहा कि कई संत-महंत पैसे वालों के आगे नतमस्तक हैं। वह तो पैसे वालों के सामने सनातन को भी झुका देते हैं।यह गलत है। सबके साथ एक जैसा व्यवहार करो। सनातन को लेकर आगे बढ़ो.
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Mahakmbh 2025 में 25 महामंडलेश्वर बनाएगा किन्नर अखाड़ा
डॉ लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी (Acharya Mahamandleshwar Laxmi Narayan Tripathi) ने बताया कि किन्नर अखाड़ा (kinnar akhada) अपना विस्तार कर रहा है। इस क्रम में महाकुंभ मेले में दस महामंडलेश्वर बन चुके हैं। उनका कहना था कि किन्नर अखाड़ा 25 महामंडलेश्वर बनाएगा।
हम ब्रह्मा जी के पुत्र, किन्नर उपदेवता : pavitranand giri
किन्नर अखाड़े (kinnar akhada) की महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि (pavitranand giri) किन्नरों की महिमा बताते हुए कहती हैं कि किन्नर उप देवता में आते हैं। ब्रह्मा जी के हम पुत्र हैं। हमारे पास शिव हैॆ। जितना सम्मान देवी देवताओं का होता है, वैसा ही किन्नरों का भी होता है। देवताओ के यहां होने वाले कार्यक्रमों में किन्नर का गाना विशेष रूप से होता रहा है।
बांग्लादेश में जो कुछ हुआ, बहुत ही दर्दनाक
किन्नर अखाड़े (kinnar akhada) की महामंडलेश्वर पवित्रानंद गिरि (pavitranand giri) ने भी बांग्लादेश की घटना पर दुख जताया। उनका कहना था कि बांग्लादेश में जो कुछ ही, बहुत ही दर्दनाक था। उन्होने कहा कि बांग्लादेश व पाकिस्तान के किन्नरों के साथ भी उनके संबंध है। हमारी आपस में बातचीत होती है। हम सब सनातन के साथ हैं।
अहंकार छोड़ कर एक हों संत
महाकुंभ मेले के दौरान सनातन के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों पर कोई सार्थक चर्चा व सामूहिक निर्णय न होने पर पवित्रानंद गिरि (pavitranand giri) ने दुख जताया। उनका कहना था कि सबका अपना अपना एटीट्यूड है, अपना अपना अहंकार है। जिस दिन यह छोड़ेंगे, सभी एक हो जाएंगे और सनातन का वर्चस्व बढ़ जाएगा।