mahakumbh 2025 : भजन, गीतों व मंत्रों से गुलजार रहा त्रिवेणी का तट
mahakumbh 2025 में मुख्य पर्व बीतने के बाद पहुंच रहे श्रद्धालु सुकून की ले रहे सांस, अरैल तट पर हुआ दीपदान

मां गंगा का पूजन कर महर्षि महेश योगी को किया गया याद

बलिया के सविता तिवारी व अन्य ने लोकगीतों से जमाया रंग
सवारियां ले चल पर्वत पर
जहां बसे मेरी यमुना मैया अलबेली सरकार
सवारियां ले चल पर्वत पर ।
इन से बात करने पर पता चला कि यह लोग कल्पवास कर रही है. 12 तारीख से ही मेला क्षेत्र में है। रसड़ा बलिया निवासी सोना दुबे, बलिया की ही सविता तिवारी व मनोरमा तिवारी पहली बार कल्पवास करने आई हैं। तीनों का यह कहना था कि उन्हें यहां अलौकिक आनंद प्राप्त हो रहा है। थोड़ी सी बातचीत के बाद वह फिर एक भजन नुमा लोकगीत में रम गई…
सतयुग की सजली नैया
कलयुग में डूबत नैया
के हो है नैया के खेवईया
डूबत बा नैया
महिलाओं के इस लोकगीत के दौरान घाट पर तमाम महिलाएं मां गंगा का पूजन कर दीपदान करती नजर आई। पूरा नजारा बड़ा ही अलौकिक था। घाट पर पूरी शांति थी।
किरण व मंजू पहली बार कल्पवास का ले रही आनंद
किरण सिंह का कहना था कि जब वह आई थी तो उनके घुटने में बड़ा दर्द था। चला नहीं जा रहा था। मां गंगा ने सब कुछ सही कर दिया। अब आराम से वह चल फिर रही है। इनके साथ रही अंजू सिंह ने कहा कि दोनों ननंद भोजाई की जोड़ी है और दोनों में बहुत पटती है। इसलिए दोनों एक साथ कल्पवास करने आ गई है।

शास्त्री पुल से दिखा कुंभ नगर का अद्भुत दृश्य