mahakumbh 2025 : नए अतिथियों के स्वागत के लिए खुला महाकुंभ नगर, उमड़ रही भीड़
अब वाहन समेत नगर के अंदर आएं, मेले में भी चल रहे वाहन
mahakumbh 205 : मौनी अमावस्या व बसंत पंचमी जैसे महापर्वों का स्नान समाप्त होने के बाद महाकुंभ नगर एक बार फिर नए अतिथियों के स्वागत के लिए तैयार हो गया है। अभी तक भीड़ से खचाखच भरे रहे संगम क्षेत्र ने अब राहत की सांस ली है। तीर्थराज प्रयाग का प्रांगण अब नए श्रद्धालुओं के लिए खाली हो गया है। 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा है। इसी बीच तीर्थराज प्रयाग के दरबार में पहुंच कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने व पुण्य की डुबकी लगाने का यह उत्तम अवसर है।
वाहनों पर लगी रोक हटी, दारागंज व परेड तक आ रहे निजी वाहन
मौनी अमावस्या के दो दिन पूर्व से लगी वाहनों पर रोक अब हट गई है। महाकुंभ नगर में परेड को छोड़ कर अन्य मार्गों से प्रवेश दिया जा रहा है। सिर्फ संगम जाने वाले मार्ग को बंद रखा गया है. संगम जाने को इच्छुक श्रद्धालु परेड पर वाहन पार्क करके मेला क्षेत्र में जा सकते हैं। बमुश्किल दो किमी की पैदल यात्रा पड़ेगी। बाकी मेला क्षेत्र में ई रिक्शा, टैम्पो आदि सार्वजनिक वाहन भी चलने लगे है। इसलिए समस्या नहीं है।
संगम की ओर लगातार उमड़ रही भीड़
जिसने मौनी अमावस्या की भीड़ देखी हो, उसे संगम की ओर लगा रेला कुछ खास नहीं लगेगा, अन्यथा संगम की ओर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगातार उमड़ रही है। संगम की ओर जाने का मुख्य मार्ग काली सड़क श्रद्धालुओं से भरा पड़ा है। बक्शी बांध, नागवासुकी मंदिर होते हुए आने वाले मार्ग पर वाहनों को छूट मिल जाने के कारण जाम भी लग रहा है। इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की संख्या पहले से काफी कम हुई है। इसी तरह झूंसी व अरैल की ओर भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
अगले आठ दिन में त्रिवेणी में खुल कर लगाएं पुण्य की डुबकी
तीर्थ राज प्रयाग में माघ मास में पुण्य की डुबकी लगाना सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी माघ मास के लिए कहा जाता है कि देवता, ऋषि सभी आकर त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। तुलसीदास जी इन्ही के लिए लिखते हैं…सादर मज्जहिं सकल त्रिवेणी। यह माघ मास 12 फरवरी को पूर्णिमा स्नान के साथ समाप्त हो जाएगा। इस तरह अगले आठ दिन में ऐसे सभी लोग प्रयाग आकर डुबकी लगा सकते हैं जो भीड़ देख कर डरे हुए थे।