बिजनेस सरकारी नौकरियों से बेहतर क्यों है? – why business is better than government jobs?
बिजनेस सरकारी नौकरियों से बेहतर क्यों है? – why business is better than govt jobs? बिजनेस सरकारी नौकरी से बेहतर है। सरकारी नौकरी एक मामले में सबसे अच्छी होती है, वह है आय का स्थायित्व। इसमें यह पता होता है कि हर माह हमें एक निश्चित रकम मिल जाएगी। तो जिसे आय की सुरक्षा चाहिए, उसके लिए सरकारी नौकरी एक बेहतर विकल्प है। जिन्हें उन्नति का आसमान छूना है, स्वतंत्र होकर काम करना है, अपना मालिक खुद बनना है, अपने लक्ष्य खुद निर्धारित करने हैं, ऐसे सभी लोगों के लिए व्यवसाय बेहतर विकल्प है।
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Govt job or Business – व्यवसाय या सरकारी नौकरी
सरकारी नौकरी के फायदे – Advantages of Govt Jobs
1. आय का स्थायित्व – Income Stability
2. सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा – Social reputation & Power
व्यवसाय के फायदे – Advantages of business
1. असीमित आय – Unlimited Income
2. कोई सेवानिवृत्ति नहीं – No Retirement in Business
3. सामाजिक प्रतिष्ठा व रुतबा – Social reputation & Power
4. कोई बॉस नहीं, कोई समय की सीमा नहीं – No Boss, No 9 to 5
5. अपने पाल्य को दीजिए बेहतर जिंदगी – Gift your wards a better life
नौकरी से व्यवसाय बेहतर कैसे – how business is better than job
इसका जवाब देने से पहले एक प्रचलित कहानी बताता हूं। बहुत लोगों ने पढ़ी होगी, कुछ ने नहीं पढ़ी होगी पर हर एक को यह अच्छी लगेगी।
एक युवक एक कंपनी में ट्रेनी मैनेजर के पद पर ज्वाइन किया। वह बड़ा खुश था। कंपनी प्रतिष्ठित थी और एक लंबी चयन प्रक्रिया के बाद कुछ गिने चुने लोगों में उसका भी चयन हुआ था। दोपहर में जब वह लंच पर निकलता था तो उसके ऑफिस के सामने एक ठेले पर एक व्यक्ति समोसा व चाय की दुकान लगाता था।समय बीतता गया। युवक मेहनती था तो तेजी से उसका प्रमोशन होता गया। वह जब समोसा खाने या चाय पीने ठेले वाले के पास जाता था तो उसे यह जरूर कहता था कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे जिससे कि वह भी उसकी तरह बड़े पद पर पहुंच सकें और उन्हें फुटपाथ पर समोसा न बेचना पड़े।समोसा वाला भी मुस्कुराकर हां कह देता था। युवक धीमे धीमे उच्च पद पर पहुंच कर व्यस्त होता गया। वह कंपनी का हेड बन गया और एक दिन रिटायर हो गया। आफिस से विदा होने से पहले उसे समोसे वाले की याद आई। वह अपनी आफिस से निकला कि यह परिसर छोड़ने से पहले एक बार फिर चाय समोसा खाकर पुराने दिनों की याद ताजा कर ले। बाहर निकला तो उसे ठेला नहीं दिखाई दिया।थोड़ी दूर पर एक बहुत बेहतरीन रेस्टोरेंट दिखाई दिया। वह वहीं चला गया। वहां उसे वही समोसा वाला दिख गया। उसके साथ ही दो युवक भी काम कर रहे थे। दुकानदार ने युवक जो कि अब वृद्ध हो चुका था। उसे पहचान लिया। थोड़ी देर बात करने के बाद युवक ने अपने रिटायरमेंट की बात बताई। फिर बच्चों की बात हुई। युवक ने बताया कि उसका बेटा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जल्द कहीं चयन हो जाए तो उसका तनाव खत्म हो।अब बारी दुकानदार की थी। उसने बताया कि सर आप मुझे बच्चों को पढ़ाने के लिए कहते थे। मैंने उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाई। साथ ही रोजगार भी सिखाया। ठेला छोड़कर मैने गुमटी लगाई। इसके बाद पैसे की व्यवस्था हुई तो यह दुकान खोली। दुकान धीरे धीरे चल निकली। आज ठीकठाक कमाई हो जा रही है। बच्चों ने भी व्यवसाय को समझ लिया है और अब इसे बेहतर तरीके से संभाल लिया है।यानि युवक उच्च पद से सेवानिवृत्त के बाद भी खाली हाथ था और दुकानदार अपने बच्चों को एक अच्छी आय, एक स्थायी व बेहतर करियर दे रहा था।यह कहानी नौकरी व व्यवसाय के अंतर को बताने के लिए पर्याप्त है। नौकरी में निश्चिंतता है।व्यवसाय में शुरुआत में काफी संघर्ष है पर अंत में सफलता का संतोष भी है।इसलिए यह आसानी से कहा जा सकता है कि सरकारी नौकरी से व्यवसाय बेहतर है। इसलिए business is better than jobs, government jobs.
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- -व्यवसाय की प्रगति से देश की प्रगति निर्धारित होती है। जैसे जैसे व्यवसाय, उद्यमिता बढ़ती है, वैसे वैसे देश का सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी बढ़ता है।
- – व्यवसाय की वृद्धि नौकरी व रोजगार के अवसरों में वृद्धि करता है। ज्यादा व्यवसाय मतलब ज्यादा नौकरी व ज्यादा रोजगार।
- -नौकरी व रोजगार देश के सामान्य जन की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हैं। इससे उनकी खरीद क्षमता बढ़ती है। यह खरीद क्षमता बाजार में डिमांड बढ़ाती है। इससे वापस व्यवसाय में प्रगति होती है। यानी व्यवसाय की वृद्धि से देश की अर्थव्यवस्था का चौतरफा विकास होता है।