Mahakumbh 2025 में उमड़ी इस भीड़ को देख कर दुनिया अचंभित है। कोई नहीं जानता, यह कहां से आ रहे पर सभी यह जानते हैं कि इनका गंतव्य क्या है। सिर पर गठरी, हाथ में थैला पकड़े अगर ग्रामीण भारत बढ़ता चला जा रहा है तो ट्राली बैग व पिट्ठू लिए इंडिया भी पीछे नहीं है। जिस भी मार्ग पर निकल जाएं सिर्फ भीड़ ही भीड़ नजर आ रही है। भीड़ की इस सुनामी के आगे प्रदेश सरकार व प्रशासन की सारी तैयारियां कम पड़ गईं। सबसे ज्यादा दबाव संगम जाने के मार्गों पर रहा। हालात यह रहे कि कई स्थानों पर भीड़ का दबाव कम करने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। इसमें कई श्रद्धालु घायल हो गए। मौनी अमावस्या (mauni amavasya) के एक दिन पूर्व के हालात ने शासन प्रशासन के माथे पर बल डाल दिया। मौनी अमावस्या (mauni amavasya) के दिन 29 जनवरी को क्या नजारा रहेगा, देखना होगा।
महाकुंभ 2025 ः तेलियरगंज से लेकर नैनी पुल तक सिर्फ मुंड ही मुंड
महाकुंभ 2025 में आस्था की डुबकी लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने सात करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था। लगता यह है कि सरकार का यह अनुमान मौनी अमावस्या (mauni amavasya) की पूर्व संध्या पर ही फेल हो जाएगा। प्रयाग क्षेत्र में प्रवेश करने के सभी मार्गों पर भारी भीड़ उमड़ी है. यह भीड़ दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ती चली जा रही है। बख्शी बांध, दारागंज की ओर जाने वाला शंकराचार्य मार्ग हो या मेला क्षेत्र के अंदर त्रिवेणी व काली सड़क, सब पर जन सैलाब उमड़ा हुआ है। हालात यह हैं कि संगम की ओर जाने के मुख्य मार्ग को परेड मैदान में ही बंद कर दिया गया। इसी तरह बख्शी बांध, नागवासुकी मंदिर होते हुए संगम जाने वाला मार्ग भी पूरा भरा हुआ है. इस मार्ग को भी गंगा जी की मूर्ति चौराहे पर बंद कर दिया गया है। किसी को भी संगम की ओर नहीं जाने दिया जा रहा। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तेलियरगंज से लेकर नैनी पुल तक सिर्फ मुंड ही मुंड नजर आ रहे।
महाकुम्भ_2025 : महाकुंभ साधना स्थली, प्रदर्शन स्थली नहीं ः ब्रह्मचारी गिरीश
कई स्थानों पर पुलिस को करना पड़ा बल प्रयोग, कई श्रद्धालु घायल
mauni amavasya के पूर्व Mahakumbh 2025 में उमड़ी भीड़ का दबाव नागवासुकी मंदिर से लेकर संगम तक इस कदर रहा कि मंगलवार को सुबह से दोपहर तक में कई बार पुलिस को बल प्रयोग करके श्रद्धालुओं को हटाना पड़ा। सेक्टर छह से निकल कर संगम की ओर जाने वाला मार्ग इस भीड़ के भारी दबाव के आगे काफी संकरा नजर आया। यहां पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस के लाठियां फटकारने से मची भगदड़ में कई श्रद्धालु घायल हो गए। हरियाणा से आए सिरसा हरियाणा से आई नीलम बंसल ने बताया कि उनका बैग फट गया। चप्पल उतर गई। भीड़ में गिरकर दब गईं थीं पर पुलिस कर्मियों ने पहुंच कर बचा लिया। सभी सतपाल जी महाराज के शिविर से संगम जाने के लिए निकले थे।
संभल से आया आरती वार्ष्णेय का परिवार तो संगम न पहुंच पाने से खासा नाराज हो गया। इनका कहना था कि पुलिस एक जगह से दूसरी जगह भेज दे रही पर संगम की ओर नहीं जाने दे रही। छह घंटे चलने के बाद भी संगम न पहुंचने का मलाल काफी ज्यादा रहा। दारागंज में गंगा जी की मूर्ति वाले चौराहै पर श्रद्धालुओं का भारी दबाव रहा। अंततः पुलिस ने यहां दबाव कम करने के लिए पांटून पुल खोल दिया और श्रद्धालुओं को गंगा पार भेजना शुरू कर दिया। गंगोली शिवाला पांटून पुल, जीटी रोड पांटून पुल आदि को दिन में 11 बजे खोला गया.