mahakumbh_2025 : लुप्त सरस्वती को रिझाने प्रयाग पहुंचे करोड़ों श्रद्धालु

mahakumbh_2025 : नागा, वैरागी व उदासीन सन्यासियों ने किया अमृत स्नाऩ़

4
mahakumbh_2025 : तीर्थों के राजा प्रयागराज के दरबार में बसंत पंचमी के दिन पहुंच कर लुप्त सरस्वती को अपने जीवन में साकार करने व जाग्रत करने के लिए आस्तिकों का रेला सोमवार को उमड़ पड़ा। संगम ही नहीं, गंगा व यमुना के विभिन्न घाटों पर पहुंच कअपर करोड़ो श्रद्धालुओं ने mahakumbh_2025 : basanat panchami amnrit snanआस्था की डुबकी लगाई व ने जीवन को धन्य किया। इस दौरान अखाड़ों के सन्यासियों ने पूरी भव्यता के साथ महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान किया। शाम तक तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके थे। आज महाकुंभ 2025 का अंतिम अमृत स्नान भी हुआ। सुबह पांच बजे से प्रारंभ अमृत स्नान में सभी तेरह अखाड़ों के सन्यासियों ने संगम में डुबकी लगाई।

गाजे बाजे व अस्त्र शस्त्र का प्रदर्शन करते महाकुंभ 2025 के अंतिम अमृत स्नान को पहुंचे अखाड़े 

mahakumbh_2025: basant panchami amrit snan  
महाकुंभ 2025 (mahakumbh_2025) के अंतिम अमृत स्नान में अखाड़े पूरी साज सज्जा के साथ शामिल हुए। रथों पर सवार महामंडलेश्वर अपने भक्तों के साथ चल रहे थे। उनके आगे आगे नागा सन्यासियों की सेनाएं अपने अस्त्र शस्त्र से लैस थीं। बड़ी संख्या में बैंड बाजे जुलूस में शामिल थे। महामंडलेश्वर अखाड़ा मार्ग पर जमा श्रद्धालुओं पर पुष्प फेंक कर उन्हें आर्शीवाद दे रहे थे। इन सबके बीच हर हर महादेव का नारा गूंज रहा था जो पूरे दृश्य को अलौकिक व भक्ति पूर्ण बना रहा था। सबसे पहले महानिर्वाणी व अटल अखाड़े ने संगम स्नान किया। सबसे अंत में उदासीन अखाड़ा पहुंचा।

मां गंगा के आंचल में पहुंचते ही मिट गई थकान

मौनी अमावस्या के दौरान हुए हादसों को देखते हुए बसंत पंचमी पर प्रशासन ज्यादा सतर्क नजर आया। बसंत पंचमी पर पांटून पुल खुले रहे जिससे श्रद्धालु गंगा के आरपार जा पा रहे थे। संगम की ओर जाने वाले अधिकांश मार्गों पर रोक लगी थी। इसके बावजूद संगम क्षेत्र पूरी तरह भरा रहा। दूसरी ओर हेतापट्टी तक फैले मां गंगा के घाट इस दौरान पूरी तरह भरे नजर आए। लंबी दूरी तक पैदल चलने के बावजूद गंगा में डुबकी लगाते ही श्रद्धालुओं की थकान मानों उतर जा रही थी। प्रफुल्लित होकर वह वापसी के लिए चल पड़ रहे थे।

दशाश्वमेध घाट समेत कई स्थानों पर हुई पूजा, किया दान

बसंत पंचमी के स्नान के दौरान वैसे तो बड़े हनुमान जी समेत संगम तट के किनारे बने अधिकांश मंदिर बंद रहे पर दशाश्वमेध समेत कई स्थानों पर जो मंदिर खुले थे वहां लोगों ने पूजा पाठ कर दान दिया और अपनी यात्रा को संपन्न किया।

Mahakumbh2025 : महामंडलेश्वर ः तप नहीं धन बल का चलता है जोर

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.

×

Hello!

Click one of our contacts below to chat on WhatsApp

× Hello!