महाकुम्भ_2025 : महाकुंभ साधना स्थली, प्रदर्शन स्थली नहीं ः ब्रह्मचारी गिरीश
कुंभ मेला क्षेत्र में भौकाल दिखाने में जुटे बाबाओं को नसीहत
लाखों-करोड़ो की लागत से बने गेट दस सेकेंड में पार कर जाते हैं लोग
महाकुम्भ_2025 : संत अपनी साधना, अपने योग का बल दिखाएं
महर्षि दो-तीन चीज बहुत अच्छी करते थे। कहते थे कि साधना होगी तो साधन अपने आप जुट जाएगा। महर्षि हर चीज का शास्त्रीय प्रमाण देते थे। उन्होने अपने इस वाक्य का भी प्रमाण दिया। महर्षि ने बताया कि उपनिषद का वाक्य है,
क्रिया सिद्धि सत्वे भवती महताम नो उपकरणे
यानि क्रिया की सिद्धि सत्य से होती है, उपकरण से नहीं। गेट लगाना उपकरण हो गया। साधन सुविधा होनी चाहिए लेकिन अध्यात्म और साधना की कीमत पर नहीं।
प्रचार जरूरी पर मॉडल नहीं
विद्वानों को साथ बिठाकर मीडिया से मिलते थे महर्षि
मीडिया को आकर्षित करने के लिए महर्षि ने किसी मॉडल को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में या सम्मेलन में नहीं बिठाया। महर्षि वेद के विद्वानों को, आयुर्वेद के विद्वानों को अपने साथ बिठाकर मीडिया से बात करते थे।
मेरे योग का ऐश्वर्य देखो, मेरे धन का नहीं
महिलाओं के लिए खोला है मदर डिवाइन सेंटर
महाकुम्भ_2025 : कुंभ से महर्षि को था खासा लगाव
महर्षि महेश योगी को कुंभ से खासा लगाव था. ब्रह्मचारी गिरीश जी पुरानी यादों को ताजा करते हुए बताते हैं कि महर्षि आजादी के बाद के सभी कुंभ में शामिल रहे। 2001 कुंभ में महर्षि ने चार्टर्ड फ्लाइट से विदेशी भक्तों को भारत भेज कर संगम स्नान कराया था। 1989 में दस हजार छात्रो को महर्षि ने कुंभ स्नान के लिए भेजा था। 1989 में महर्षि सिर्फ एक दिन के लिए कुंभ में आए थे पर बाद में यही रुक गए। उन्हें कुंभ का आध्यात्मिक वातावरण बहुत पसंद था। उन्होने महर्षि विद्यालय के छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए बस की व्यवस्था कर उन्हें कुंभ में बुला लिया था।